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शारदीय नवरात्रि | Shardiye Navratri on 03 Oct 2024 (Thursday)

अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है. शारदीय नवरात्रि का व्रत सभी महिलाएं और पुरुष कर सकते हैं, अगर कोई व्यक्ति खुद व्रत ना कर सके तो वह अपनी पुत्र या ब्राम्हण को अपना प्रतिनिधि बनाकर व्रत को पूर्ण करवा सकता है. 

 नवरात्रि से जुडी खास बातें :-

1-नवरात्रि पूजा को वैज्ञानिकता से परिपूर्ण माना जाता है. ऐसा माना जाता है की शरद और बसंत नाम के दो भयानक असुर अलग-अलग बीमारियों का कारण हैं. 

2- मौसम के बदलने पर महामारी, बुखार, शीतला, कफ, खासी, जैसी बीमारियां होने का खतरा होता है. इन बीमारियों से बचने के लिए शास्त्रों में शारदीय और बसंती दो नवरात्रि दुर्गा पूजा का नियम बनाया गया है. 

3- रुद्रयामल तंत्र में बताया गया है कि नवधा भक्ति, नवग्रह, रामनवमी, सीता नवमी यह सभी 9 शब्दों की महत्ता को दर्शाते हैं. 
 
शारदीय नवरात्रि पूजन विधि :-

1- शारदीय नवरात्रि का पूजन करने के लिए सबसे पहले सुबह स्नान करने के पश्चात व्रत करने का संकल्प ले. 

2- अब पूजा के स्थान को गोबर से लीप कर पवित्र कर लें. इसके पश्चात गणेशअंबिका, वरुण, षोडश मातृका, सप्त घृत मातृका, नवग्रह आदी देवों एवं सिंहासनरूढ़ जग जननी मां अंबे की विधिवत पूजा करें. 

3- अगर आप स्वयं पूजा करने में सक्षम नहीं है तो किसी विद्वान ब्राम्हण के द्वारा मां अंबे की पूजा को संपूर्ण करवा सकते हैं. 

4- मां अंबे के सुंदर चरित्र और दिव्य मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती के सम्पुट पाठ (दोनों हथेलियों को मिलाकर उस अंजलि में पुष्प लेकर पाठ करना) का अध्ययन करें. 



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