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बगलामुखी मां की महिमा

बगलामुखी मां की महिमा 

1- मां श्री बगलामुखी एक बहुत ही प्रसिद्ध नाम है.  मां बगलामुखी को पीतांबरा भी कहा जाता है. बगलामुखी मां का प्राकट्य त्रिपुर सुंदरी शक्ति श्री विष्णु की आराधना से हुआ था. 
 
2- बगलामुखी एक वैष्णवी शक्ति है. यही मृत्युंजय शक्ति भी कहलाती हैं. बगलामुखी सिद्ध विद्या श्री कुल की ब्रह्म विद्या भी हैं. बगलामुखी दसमहाविद्या में आद्या महाकाली प्रथम उपास्य हैं. माँ बगलामुखी की कृपा प्राप्त होने से शीघ्र लाभ मिलता है. 
 
3- इनकी उपासना वाम या दक्षिण मार्ग से की जाती है पर ज्यादातर बगलामुखी शक्ति विशेष रूप से दक्षिण मार्ग से ही उपास्य हैं. 

4- श्री बगलामुखी पराशक्ति मां की आराधना बहुत ही गोपनीय तरीके से की जाती है. बगलामुखी की आराधना ऋषि मुनि के साथ-साथ देवता भी करते हैं. 
 
5- आम जनमानस के लिए बगलामुखी की आराधना को आसान बनाने के लिए स्वयं शिव श्री स्वामी के रूप में मानव शरीर धारण कर दतिया मध्य प्रदेश में श्री पीतांबरा पीठ की स्थापना करनी पड़ी थी. 
 
6- श्री स्वामी  द्वारा लिखी गई पुस्तक श्री बगलामुखी रहस्य बहुत ही सुंदर और साधना करने वालों के लिए कृपा का स्वरूप है. जो लोग मां बगलामुखी की उपासना करते हैं उन्हें गंभीर निडर होने के साथ-साथ शुद्ध और सरल मन का होना चाहिए. 
 
7- श्री बगलामुखी त्रिशक्ति की वजह से स्तंभन के साथ-साथ भोग और मोक्ष दायिनी भी मानी जाती हैं. बगलामुखी मां की आराधना बिना किसी भूल के करनी चाहिए. 
 
8- अगर इनकी उपासना में थोड़ी सी भी गलती हो जाए तो उपासना करने वाले के समक्ष गंभीर संकट पैदा हो सकता है. 
 
9- बगलामुखी मां का स्वरूप  मां बगलामुखी मणिदीप बासनी भुवनेश्वरी माता है. इनके अंग पूजा में शिव मृत्युंजय श्री गणेश बटुक भैरव और विधायिका यक्षिणी की पूजा भी की जाती है. 
 
10- कई जन्मों की उपासना करने के बाद मां बगलामुखी की कृपा प्राप्त होती है. विद्वानों के अनुसार संसार की दूसरी सभी शक्तियां एक साथ होकर भी मां बगलामुखी की बराबरी नहीं कर सकती हैं. 
 
11- मां बगलामुखी के मंत्र का जाप सिद्ध गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए. मां बगलामुखी के मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार की चमत्कारी अनुभूतियां होती हैं. 
 
12- अलग-अलग मनोकामना को पूरा करने के लिए मां बगलामुखी का जाप करने के लिए हरिद्रा, पीले हकीक या कमल गट्टे की माला का इस्तेमाल करना चाहिए. 
 
13- मां बगुलामुखी को चंपा गुलाब कनेर और कमल के फूल बहुत प्रिय हैं. मां बगलामुखी की साधना किसी शिव मंदिर या देवी मंदिर में करनी चाहिए. 
 
14- आप इनकी साधना किसी पर्वत या पवित्र जलाशय के पास गुरु के निकट भी कर सकते हैं. वैसे मां बगलामुखी की साधना घर के किसी एकांत स्थान पर भी की जा सकती है. 
 
15- मां बगलामुखी के एकाक्षरी,श्रेयाक्षरी,चतुरक्षरी,पंचाक्षरी,अष्टक्षरी,नवाक्षरी,एकादशाक्षरी,षट्त्रिषडाक्षर मंत्र बहुत सिद्धि दायक होते हैं. इन सभी मंत्रों का विनियोग, न्यास और ध्यान विभिन्न प्रकार से किया जाता है. 
 
16- इसके अलावा 80, 100, 126 मंत्रों के साथ 514 अक्षरों के बगुला माला मंत्र की भी बहुत विशेष महिमा मानी जाती है. 
 
17- 666 अक्षर का ब्रह्मास्त्र माला मंत्र भी बहुत महिमामय है. इसके साथ ही और भी बहुत सारे मंत्र हैं जिनका उल्लेख सांख्यायन तंत्र में किया गया है. 
 
18- मनोकामना को पूरा करने के लिए बगुला स्रोत, कवच और बगुला कवच का गोपनीय पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही बगुला गायत्री और तिलक भी पाठ करना चाहिए. 
 
19- बगलामुखी मां की आराधना में घी, शक्कर मधु और नमक से हवन करना चाहिए. इससे आकर्षण पैदा होता है. 
 
20- शहद शक्कर मिश्रित दूर्वा गुरुच और ध्यान केलावा से हवन करने पर सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है. किसी विशेष कार्य के लिए विशेष माला विशेष मंत्र और विशेष हवन प्रयोग किया जाता है
 
 
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