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माँ बगलामुखी से जुडी खास बातें

माँ बगलामुखी से जुडी खास बातें -

1- ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने बगुलामुखी का उपदेश सनक चंदन और सनातन को दिया था. सनत कुमार जी ने बगुलामुखी का उपदेश देवर्षि नारद को दिया और देवर्षि नारद ने सांख्यायन सनक परमहंस ऋषि को दिया. 

2- सांख्यायन ने बगलामुखी विद्या को 36 भागों में बांटा और बगुला तंत्र की रचना की. भगवान परशुराम ने इस विद्या को द्रोणाचार्य जी को प्रदान किया. 

3- भगवान परशुराम ने बगुलामुखी विद्या के द्वारा देवराज इंद्र के वज्र को भी निष्प्रभावी कर दिया था. भगवान श्री कृष्ण के परामर्श से धर्मराज युधिष्ठिर ने कौरवों पर जीत पाने  के लिए बगलामुखी देवी की तपस्या की थी. 

4- अश्वत्थामा द्वारा पांडवों पर इस्तेमाल किए गए ब्रह्मास्त्र की 99% शक्ति को भगवान श्री कृष्ण ने मां बगलामुखी के बल पर बेअसर कर दिया था और समुद्र में गिरा दिया था, और उसकी 1% शक्ति को उत्तरा के गर्भ में प्रत्यारोपित करके परीक्षित को फिर से जीवित किया था. 

5- भगवान श्री कृष्ण ने राजा नल को भी श्री बगलामुखी की तपस्या करने के लिए प्रेरित किया था. तंत्र साधना और सिद्धियों के द्वारा रावण ने सोने की लंका का निर्माण किया. 

6- विश्वामित्र जैसे महान तंत्र आचार्य ने बगुलामुखी शक्ति के द्वारा दूसरे लोक का  निर्माण भी कर दिया था और ब्रह्मा की सृष्टि को चुनौती दी थी. तो फिर आम जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बगुलामुखी शक्ति का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता है. 

7- बगलामुखी साधना को पूरी तरह से जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि 10 महाविद्या क्या है. 10 महाविद्याओं में सबसे पहली काली, दूसरी तारा, तीसरी षोडशी, चौथी भुनेश्वरी, पांचवी छिन्नमस्ता, छठी त्रिपुर भैरवी, सातवीं धूमावती, आठवीं बगलामुखी, नौवीं मातंगी और दसवीं कमला है. 

8- इन महाविद्याओं के साथ दूसरी महाविद्याओं के बारे में भी जानना जरूरी है. भागवत देवी पुराण में महाविद्याओं के विषय में कथा का विस्तृत वर्णन किया गया है. 

आगे देखिये      माँ बगलामुखी की कथा

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