यदि आप में से कई लोग गंगा दशहरा के दिन गंगा में डुबकी ना लगा सकें तो आप पास के ही किसी भी जलाशय अथवा घर पर ही उपलब्ध शुद्ध जल से स्नान कर सकते है और उसके बाद श्रीगंगा जी की प्रशान्त मूर्ति की पूजा-उपासना कर सकते है। ऐसा करने से भी आप माता की आशीर्वाद के पात्र बन सकते हैं।
इसके अतिरिक्त आप किसी साक्षात् मूर्ति के सामने बैठ सकते है और पूजा करते हुये इन मंत्रों का जाप कर सकते है जैसे 'ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः'।
इसके बाद इस मंत्र का जाप करे 'ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा'।
ऐसा करने से आस-पास का वातावरण बहुत ही शुद्ध व पावन बन जाता है।
इसके बाद 10 प्रकार के विभिन्न फल, 10 दीपक और 10 सेर तिल का दाना करें और साथ ही साथ इस मंत्र का जाप करें 'गंगायै नमः'।
इसके पश्चात घी मिले हुए सत्तू और गुड़ को पिण्ड जल में डालें।
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