महेश नवमी पूजन विधि|
• भगवान शिव का एक नाम महेश भी है। महेश नवमी का त्योहार भगवान शिव को समर्पित है।
• महेश नवमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
• मान्यताओं के अनुसार महेश नवमी के दिन भगवान शिव का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
• महेश नवमी के दिन भगवान् शिव की पूजा करने के लिए सबसे पहले प्रातः काल जल्दी उठकर नित्यक्रियाओं से निवृत होने के बाद स्नान करें।
• स्नान करने के पश्चात साफ़ सुथरे वस्त्र धारण करें।
• अब अपने घर के पूजा कक्ष में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
• अब अपने हाथ में जल, फूल और चावल लेकर नीचे दिए गए मंत्र का जाप करके व्रत करने का संकल्प लें।
मन्त्र-
मम शिवप्रसाद प्राप्ति कामनया महेश नवमी निमित्त शिवपूजनम करिष्ये
• अब फूल, बिल्वपत्र और गंध से भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें।
• अगर आपके पास भगवान शिव की मूर्ति नहीं है तो "ॐ महेश्वराय नमः” का ध्यान करते हुए भीगी हुई चिकनी मिट्टी से भगवान शिव की अंगूठे की आकार की मूर्ति का निर्माण करें।
• इसके बाद "ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव को जल अर्पित करें।
• अब "ओम पशुपतये नमः” मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव को गंध, पुष्प, धूप, दीप और भोग चढ़ाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथ जोड़कर भगवान शिव से प्रार्थना करें।
• भगवान शिव की पूजा करने के पश्चात अगले दिन उद्यापन करके भगवान शिव की मूर्ति विसर्जित कर देनी चाहिए।
• मान्यताओं के अनुसार महेश नवमी के दिन इस तरह से भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।