इस दिन सुबह जल्दी उठे और अपने स्नान आदि से निवृत होजाएयें|
देवी माँ गायत्री के निम्मित व्रत एवं पूजा का संकल्प लेते हुये माँ गायत्री की प्रतिमा की स्थापना करें।
इसके बाद माँ गायत्री के चरणों में जल अर्पित करें|
जल के पश्चात माँ गायत्री को पुष्प व् पुष्प की माला अर्पित करें|
उन्हें हल्दी या चन्दन का तिलक लगाएं|
घी का दीपक व् धुप भी अवश्य लगाएं|
अब गायत्री चालीसा का पाठ करें|
संभव हो तो गायत्री मंत्र का पाठ १०८ बार अवश्य करें अन्यथा क्षमता अनुसार करें|
माँ गायत्री की आरती करें उनका भोग लगाएं और अपनी पूजा में जाने अनजाने हुई भूल की क्षमा मांगे|
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