Indian Festivals

कैस करें निर्जला एकादशी के दिन पूजा अर्चना|

कैस करें निर्जला एकादशी के दिन पूजा अर्चना|

निर्जला एकादशी का बहुत ही अधिक महत्तव है और विशेष व्रत को एक दिन पहले अर्थात दशमी तिथि की रात की बेला से ही शुरु कर दिया जाता है। इस व्रत का यह नियम भी है कि रात्रि में अन्न का सेवन नहीं किया जाता है अन्यथा व्रत सफल नहीं होगा। ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी के व्रत में सूर्योदय से लेकर अगले दिन अर्थात् द्वादशी तिथि के सूर्य उदय तक जल और साथ ही साथ भोजन भी ग्रहण नहीं किया जाता है।

इस विशेष दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ सुथरे कपड़े धारण करने की प्रथा है और उसके बाद ईश्वर के समक्ष व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस विशेष दिन भगवान विष्णु की उपासना करे पीले चंदन के पीले फल फूल से पूजा की जाती है और पीली मिठाई का भोग लगाया जाता है। पूजा के लिये एक आसन पर बैठकर इस व्रत का जप 108 बार करे ओम नमो भगवते वासुदेवाय । जाप करने के उपरांत गुलाब अथवा आम के शरबत का भोग भगवान विष्णु को लगाएं। और इसी प्रसाद को जरूरतमंद लोगों में बांटे। इस व्रत को करने से इच्छाऐं पूरी होती है और साथ ही साथ पारिवारिक कलह क्लेश से मुक्ति मिलती है ।

 

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