सौभाग्य को बढ़ाता है वट सावित्री व्रत
हिंदू धर्म में अपने पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं कुछ विशेष व्रत रखती हैं. इन्हीं विशेष व्रतों में से एक है वट सावित्री व्रत…. वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण बचाए थे. वट सावित्री का व्रत महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. यह व्रत सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं. वट सावित्री का व्रत त्रयोदशी की पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक मनाया जाता है, पर आजकल लोग अमावस्या के दिन ही इस व्रत को करते हैं. वट सावित्री के व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. इस व्रत को करने से स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आज हम आपको वट सावित्री व्रत का महत्व, पूजन विधि और कथा बताने जा रहे हैं.