क्यों कि सावित्री ने वट वृक्ष की पूजा
हिंदू धर्म में वट वृक्ष को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार पीपल बरगद और नीम के पेड़ में ब्रह्मा विष्णु और महेश का निवास माना जाता है. वट वृक्ष को भगवान शिव के समान माना जाता है. बहुत सारे व्रत और त्योहारों में लोग श्रद्धा पूर्वक वट वृक्ष की पूजा करते हैं.
वटवृक्ष में त्रिदेव का निवास-
वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष की पूजा का बहुत ही महत्व होता है. वट का अर्थ है- बरगद का पेड़…. वटवृक्ष में लटकी हुई शाखाओं को देवी सावित्री का रूप माना जाता है. हमारे धर्म पुराणों के अनुसार वटवृक्ष में त्रिदेव निवास करते हैं. इसीलिए ऐसा माना जाता है कि श्रद्धा पूर्वक वट वृक्ष की पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. शास्त्रों में वट वृक्ष को देव वृक्ष माना गया है. मान्यताओं के अनुसार वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा जी निवास करते हैं, इस वृक्ष के तने में भगवान विष्णु का तथा डालियों और पत्तियों में भगवान शिव का निवास माना जाता है. इसके अलावा वट वृक्ष के पत्तों पर ही भगवान श्री कृष्ण ने मार्कंडेय ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर उनको दर्शन दिए थे. यह अक्षय पुण्य प्रदान करने वाला वट वृक्ष प्रयागराज में गंगा नदी के किनारे वेणी माधव के नजदीक मौजूद है.