कृष्ण शब्द में तीन अक्षर विद्यमान हैं| कृष+ण+अ| कृष अर्थात उत्कृष्ट, ण अर्थात उत्तम भक्ति, अ अर्थात देने वाला| जो हर इंसान, हर वस्तु, कण कण में उत्कृष्ट भक्ति भर दे वही है कृष्ण| जो रस ‘कृष्ण’ नाम में है, उनका अंशमात्र भी किसी में नहीं है। कृष्ण’ वर्णों में कितना अमृत भरा है। भगवान का नाम हमारी जिह्वा पर आना ही स्वयं भगवान का हमारी जिह्वा पर आने के सामान है|
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