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कब मनाते हैं अक्षय तृतीया

कब मनाते हैं अक्षय तृतीया –


अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है और यह त्यौहार वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन मनायी जाती है। इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान और साथ ही साथ दान अक्षय फल देने वाले जाने के समान होता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। 


ऐसा माना जाता है कि इसी दिन सतयुग का आरंभ होता है और इसीलीये इसे युगादि तृतीया भी कहा जाता है। यदि इस व्रत को सोमवार और रोहिणी नक्षत्र में आये तो इसे महाफलदायक माना जाता है।


इसके अतिरिक्त इस तृतीया के संदर्भ में यह भी माना जाता है कि यह पहले शुरु होकर प्रदोण काल रहती है और इसीलिये इसे श्रेष्ठ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी शुभ काम किये जाते है उसी का बड़ा श्रेष्ठ फल मिलता है इस विशेष व्रत को दान के उपलक्ष्य में बहुत ही विशेष माना जाता है और यह अधिक से अधिक दान देने में बहुत ही सिद्ध माना जाता है। इस दिन माता शिव और पार्वती जी का पूजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है।