Indian Festivals

क्या है अक्षय तृतीया पर्व की शुभता और धार्मिक महत्तव

क्या है अक्षय तृतीया पर्व की शुभता और धार्मिक महत्तव –


अक्षय तृतीया में सतयुग वहीं दूसरी ओर कल्पभेद से त्रेतायुग का आरंभ होने से इसे युगादि तिथि के तौर पर भी माना जाता है। वैशाख का महीना सूर्य देवता अपनी चरम सीमा पर होते है और इनकी तेज धूप व प्रचड गर्मी से हरेक जीवधारी भूख और प्यास से व्याकुल हो जाता है इसीलिये इस महीने मे कलश, शीतल जल, चने, चावल, दूध, खाने –पीने की वस्तु और दूध का बहुत ही महत्व है।


गर्मी को महीने के आना से और लहलहाती फसल से लोगों में खुशी का संचार होत है क्योकिं अन्न का महत्तव हम सभी जानते हैं। फिर इसके साथ ही बहुत से व्रत त्यौहार भी आते है जो जीवन में रस घोल देते हैं।


भगवान विष्णु जी धर्म की रक्षा हेतु बहुत से रुपों का धारण करते हैं जिसमें से भगवान परशुराम, हयग्रीव और नर-नारायण का शुभ अवतार विशेष तौर अक्षय तृतीया के दिन ही हुये थे।