नरसिम्हा द्वादशी | Narsimha Dwadashi on 21 Mar 2024
नरसिम्हा द्वादशी के दिन इन तरीको से करें भगवान् नरसिंह की पूजा
शास्त्रों में बताया गया है की फाल्गुन मॉस की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नृसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है. नरसिम्हा द्वादशी के बारे में वेदों और पुराणों में भी किया गया है. आज हम आपको नरसिम्हा द्वादशी के महत्व और पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे है.
नरसिम्हा द्वादशी का महत्व-
• शास्त्रों में भगवान विष्णु के बारह अवतारों के बारे में बताया गया है.
• मान्यताओं के अनुसार नरसिम्हा द्वादशी के दिन भगवान् विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह एक खंभे को चीर कर प्रकट हुए थे.
• भगवान् नरसिम्हा के अवतार में उनका आधा शरीर मनुष्य का है और आधा शेर का.
• भगवान् विष्णु ने यही रूप धारण करके असुरों के राजा हिरण्यकशिप का संघार किया था.
• उसी दिन से इस दिन ये पर्व मनाया जाता है.
• शास्त्रों के अनुसार नरसिंह द्वादशी का व्रत करने से ब्रह्महत्या का पाप भी मिट जाता है.
• नरसिंह द्वादशी का व्रत करने से मनुष्य को सांसारिक सुख, भोग और मोक्ष तीनों की प्राप्ति होती है.
• जो भी मनुष्य सच्चे मन से नृसिंह द्वादशी के दिन भगवान् नरसिंह का व्रत करता है उसके सात जन्मों के पाप खत्म हो जाते है और वो अपार धन-संपत्ति का मालिक होता है.
• भगवान विष्णु ने नरसिम्हा अवतार धारण करके अपने परम भक्त प्रहलाद को भी वरदान दिया कि, जो भी मनुष्य नरसिम्हा द्वादशी के दिन शुद्घ मन से उनका व्रत और पूजा करेगा उसकी सभी मनोकामनायें पूरी होंगी.