क्या है मौनी अमावस्या -
मौनी अमावस्या को 'मौना अमावस्या' के रूप में भी जाना जाता है और यह 'माघ के हिंदू महीने के दौरान अमावस्या के दिन मनाया जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार जनवरी-फरवरी के महीने में आता है। इस दिन हिंदु लोग मौन रहने का अभ्यास करते है क्योंकि मौन रहने से शांति का आभास होता है।
क्या करें –
लोग मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेते है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन कुंभ मेले और माघ मेले के दौरान पवित्र स्नान करने से आपके जीवन में सुख व शांति का आगमन होता है।
मौनी अमावस्या के दौरान अनुष्ठान:
● सूर्योदय से पहले उठे और नित्यकर्म से निवृत होकर गंगा में पवित्र डुबकी लगायें
● यादि गंगा नदि में डुबकी लगाना संभव नहीं हैं तो आप अपने पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
● ऐसा भी कहा जाता है कि स्नान करते समय आपको अपने चित्त को शांत रखने की आवश्यकता है।
● इस दिन भक्त भगवान ब्रह्मा की पूजा करना शुभ माना जाता हैं और 'गायत्री मंत्र' का पाठ करना चाहिये।
● हिंदू धर्म में, मौनी अमावस्या के दिन को पितृ दोष से राहत पाने के लिए बहुत ही उपयुक्त माना जाता है। लोग इस दिन अपने बड़ो से क्षमा मांगते है और उनका आशीर्वाद पाते है।
● इस दिन लोग कुत्ते, कौआ, गाय और कुश रोगी को भोजन दान भी करते हैं क्योंकि ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है।
● इस विशेष दिन लोग गरीबों और जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े और अन्य जरूरी चीजें दान करना भी शुभ माना जाता है।
● इसके अलावा शनि देव को तिल और तेल चढ़ाना भी काफी शुभ माना जाता है।
क्या ना करे –
● किसी पर भी क्रोध ना करें
● स्वंय को शांत रखे
● किसी भी तरह का गलत कार्य ना करें
● गलत शब्दों को कदापि प्रयोग ना करें
मौनी अमावस्या का महत्व –
मौनी अमावस्या आध्यात्मिक साधना के प्रति पूरी तरह से समर्पित है। मौनी अमावस्या का त्यौहार भारतीय राज्य के उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में बहुत ही विशेष रुप से मनाया जाता है । इस शुभ दिन को ज्ञान, सुख और धन प्राप्त करने का दिन भी माना जाता है।